LYRIC

गली गली तेरी लौ जली
जियो रे बाहुबली
गली गली तेरी लौ जली
जियो रे बाहुबली
प्राणों से बडके हमको है
तू प्यारा
सब गायेंगे दोहोरायेंगे
अब तेरा जय जय कारा..

ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा

हाँ कैसी करुना है ये
ये कैसा नाता है
सांस ले एक तो दूसरा जि उठे
एक ही डोर में है जुड़े..

लहराके आंधी आंधी चली है
या कोई ज्वाला ज्वाला जली
चल दे तो डोले धारा ये
ऐसा वो बाहुबली है
काल से भी वो ना डरे
हाथों पे है शीश लिए
माँ जो कभी मंगले तो
मंगले तो वो पल में प्राण दे

ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जगमग है तारे सा
जैसे पर्वत अविचल सा
जैसे पर्वत अविचल सा

ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा
ऐसा वो ऐसा, जैसे पर्वत अविचल सा

गली गली तेरी लौ जली
जियो रे बाहुबली
प्राणों से बडके प्यारा तू

गली गली तेरी लौ जली
जियो रे बाहुबली
प्राणों से बडके प्यारा तू

सब गायेंगे दोहोरायेंगे
अब तेरा जय जय कारा..

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